हम :
अब क्या बताये उनको हम
उनकी आंखोंसे दुनिया देखते है
गैरत भी है.. मुहोब्बत भी हमको
जवाब-ए-इश्क को शर्म के परदे मे रखते है !!!
वो :
वो देखते हैं दुनिया हमारी आँखोंसे'
और हम दुनिया में उन्हिको देखते हैं|
वो शरमाके पलके झुका लेते हैं,
और हम उनकी आँखोंमें देखने को तरसते हैं !!!
हम :
उनकी दुनिया हमसे है
और हमारी भी उन्ही से...
सपनो से भरी है हमारी आँखे..
और उन्हे शिकायत झुकी पलको से !!!
वो :
शिकायत यही झुकी पलको से
के हमारे ख्वाब नही दिखते ...
जवाब तो सारे साथ लाये है...
उनके सवाल ही नही दिखते..!!
हम :
वो शिकायत करे, पसंद है ...
वो इनायत करे, पसंद है...
जिंदगीका साथ है.. रुठना मनाना
वो हमारे साथ है... पसंद है !!
(Thanks Vinayak for वो देखते हैं दुनिया हमारी आँखोंसे...)
बहुत ही सुन्दर लिखा है :)
ReplyDelete:)
ReplyDeleteDhanyawaad Rajeev
Dhanyvaad.. .
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