हिंदी कविताए

खुशबुदार जख्म यु पाये हैं दिल पे
किये हैं वार जिसने, शायद वोह मोगरा हैं..
अंदाजा आईने का लगता हैं.. सच हैं..
शायद किसी बंदे का वोह चेहरा हैं !!!

स्वैर भावानुवाद : भक्ती :)




वो दोस्त भी है हमारे
और छुपाते है गम भी
रब्बा ये कैसी सज़ा है
दोस्ती निभाने की..!!

- भक्ति