वह मोड़ कोई अनजाना था
कुछ गुजर गया.. कुछ दिल में है !!
सदियों से थमा जमाना था
कुछ गुजर गया.. कुछ दिल में है !!
एक पेड़ जिनके शाखोंपर
फूलोंके सपने खिलते थे ..
काँटों का अपना फ़साना था
कुछ बिखर गया.. कुछ दिल में है !!
एक मंजर वो भी सुहाना था
लहरें साहील को चूमती थी..
अब एक अकेला साहील है
कुछ बह सा गया.. कुछ दिल में है !!
आंसू की अपनी कहानी है
पिछले सावन की निशानी है ..
उस दर्द से रिश्ता पुराना है
कुछ भूल ही गया.. कुछ दिल में है !!!
भक्ति आजगावकर